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Showing posts from 2018

🕉️भारतवर्ष का दर्शन 🕉️ हिन्दुभुमि

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🕉️भारतवर्ष का दर्शन 🕉️  हिन्दुभुमि -      विद्या - चौदह         (चार वेद + छ: वेदांग + न्याय,        मीमांसा, पुराण व धर्मशास्त्र ऐसे कुल १४ )        1 पुराण        2 न्याय        3 मीमांसा        4 धर्मशास्त्र        - वेदांग(6)        5 व्याकरण(मुख)        6 ज्योतिष(नेत्र)        7 शिक्षा(नासिका)        8 कल्प(हस्त)        9 निरुक्त(कर्ण)        10 छन्द(पाद) वेद -    11 ऋग्वेद        12 यजुर्वेद        13 सामवेद        14 अथर्ववेद कला (64)     1 – गानविद्या        2 – वाद्य-भांति-भांति के बाजे बजाना        3 – नृत्य        4 – नाट्य ...

दुर्गा अष्टमी और महानवमी का महत्त्व

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आदि शक्ति जगदम्बा की परम कृपा प्राप्त करने हेतु सम्पूर्ण भारत वर्ष में नवरात्रि का पर्व वर्ष में दो बार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तथा आश्विन शुक्ल प्रतिपदा को बड़ी श्रद्धा, भक्ति व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। जिसे वसन्त व शारदीय नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। इस कर्म भूमि के सपूतों के लिए माँ 'दुर्गा' की पूजा व आराधना ठीक उसी प्रकार कल्याणकारी है जिस प्रकार अंधेरे में घिरे हुए संसार के लिए भगवान सूर्य की एक किरण। नवरात्रि में दुर्गाष्टमी व महानवमी पूजन का बड़ा ही महत्व है। इस अष्टमी व नवमी की कल्याणप्रद, शुभ बेला श्रद्धालु भक्तजनों को मनोवांछित फल देकर नव दिनों तक लगातार चलने वाले व्रत व पूजन महोत्सव के सम्पन्न होने के संकेत देती है। माँ दुर्गा की आराधना से व्यक्ति एक सद्गृहस्थ जीवन के अनेक शुभ लक्षणों धन, ऐश्वर्य, पत्नी, पुत्र, पौत्र व स्वास्थ्य से युक्त हो जीवन के अंतिम लक्ष्य मोक्ष को भी सहज ही प्राप्त कर लेता है। इतना ही नहीं बीमारी, महामारी, बाढ़, सूखा, प्राकृतिक उपद्रव व शत्रु से घिरे हुए किसी राज्य, देश व सम्पूर्ण विश्व के लिए भी माँ भगवती की आराधना परम कल्याण...

गणगौर की पौराणिक कथा

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एक बार भगवान शंकर तथा पार्वतीजी नारदजी के साथ भ्रमण को निकले। चलते-चलते वे चैत्र शुक्ल तृतीया के दिन एक गाँव में पहुँच गए। उनके आगमन का समाचार सुनकर गाँव की श्रेष्ठ कुलीन स्त्रियाँ उनके स्वागत के लिए स्वादिष्ट भोजन बनाने लगीं। भोजन बनाते-बनाते उन्हें काफी विलंब हो गया। किंतु साधारण कुल की स्त्रियाँ श्रेष्ठ कुल की स्त्रियों से पहले ही थालियों में हल्दी तथा अक्षत लेकर पूजन हेतु पहुँच गईं। पार्वतीजी ने उनके पूजा भाव को स्वीकार करके सारा सुहाग रस उन पर छिड़क दिया। वे अटल सुहाग प्राप्ति का वरदान पाकर लौटीं। तत्पश्चात उच्च कुल की स्त्रियाँ अनेक प्रकार के पकवान लेकर गौरीजी और शंकरजी की पूजा करने पहुँचीं। सोने-चाँदी से निर्मित उनकी थालियों में विभिन्न प्रकार के पदार्थ थे। उन स्त्रियों को देखकर भगवान शंकर ने पार्वतीजी से कहा- 'तुमने सारा सुहाग रस तो साधारण कुल की स्त्रियों को ही दे दिया। अब इन्हें क्या दोगी?' पार्वतीजी ने उत्तर दिया- 'प्राणनाथ! आप इसकी चिंता मत कीजिए। उन स्त्रियों को मैंने केवल ऊपरी पदार्थों से बना रस दिया है। इसलिए उनका रस धोती से रहेगा। परंतु मैं इन उच्च ...

वेदों का इतिहास

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हिन्दुओं के एकमात्र धर्मग्रंथ है वेद। वेदों का सार है उपनिषद। उपनिषदों का सार है गीता। महाभारत को पंचमवेद माना गया है, हालांकि यह इतिहास ग्रंथ है। वाल्मिकी रामायण भी इतिहास ग्रंथ है। स्मृति और पुराणों को भी इतिहास ग्रंथों की श्रेणी में रखा गया है। धर्मग्रंथ तो मात्र वेद ही है। ।।ॐ।। वेद 'विद' शब्द से बना है जिसका अर्थ होता है ज्ञान या जानना, ज्ञाता या जानने वाला; मानना नहीं और न ही मानने वाला। सिर्फ जानने वाला, जानकर जाना-परखा ज्ञान। अनुभूत सत्य। जाँचा-परखा मार्ग। इसी में संकलित है 'ब्रह्म वाक्य'। वेद मानव सभ्यता के लगभग सबसे पुराने लिखित दस्तावेज हैं। वेदों की 28 हजार पांडुलिपियाँ भारत में पुणे के 'भंडारकर ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट' में रखी हुई हैं। इनमें से ऋग्वेद की 30 पांडुलिपियाँ बहुत ही महत्वपूर्ण हैं जिन्हें यूनेस्को ने विरासत सूची में शामिल किया है। यूनेस्को ने ऋग्वेद की 1800 से 1500 ई.पू. की 30 पांडुलिपियों को सांस्कृतिक धरोहरों की सूची में शामिल किया है। उल्लेखनीय है कि यूनेस्को की 158 सूची में भारत की महत्वपूर्ण पांडुलिपियों की सूची...

वेदों का ज्ञान

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वेद दुनिया के प्रथम धर्मग्रंथ है। इसी के आधार पर दुनिया के अन्य मजहबों की उत्पत्ति हुई जिन्होंने वेदों के ज्ञान को अपने अपने तरीके से भिन्न भिन्न भाषा में प्रचारित किया। वेद ईश्वर द्वारा ऋषियों को सुनाए गए ज्ञान पर आधारित है इसीलिए इसे श्रुति कहा गया है। सामान्य भाषा में वेद का अर्थ होता है ज्ञान। वेद पुरातन ज्ञान विज्ञान का अथाह भंडार है। इसमें मानव की हर समस्या का समाधान है। वेदों में ब्रह्म (ईश्वर), देवता, ब्रह्मांड, ज्योतिष, गणित, रसायन, औषधि, प्रकृति, खगोल, भूगोल, धार्मिक नियम, इतिहास, रीति-रिवाज आदि लगभग सभी विषयों से संबंधित ज्ञान भरा पड़ा है।  शतपथ ब्राह्मण के श्लोक के अनुसार अग्नि, वायु और सूर्य ने तपस्या की और ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद को प्राप्त किया। प्रथम तीन वेदों को अग्नि, वायु, सूर्य (आदित्य), से जाड़ा जाता है और संभवत: अथर्वदेव को अंगिरा से उत्पन्न माना जाता है। एक ग्रंथ के अनुसार ब्रह्माजी के चारों मुख से वेदों की उत्पत्ति हुई।... वेद सबसे प्राचीनतम पुस्तक हैं इसलिए किसी व्यक्ति या स्थान का नाम वेदों पर से रखा जाना स्वाभाविक है। जैसे आज भी...

मुख्य व्रत एवं त्यौहार 18 मार्च से 05 अप्रैल 2019

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बड़े बुजुर्गों का महत्व – एक प्यारी कहानी

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बड़े बुजुर्गों का महत्व – एक प्यारी कहानी नेट पर पढी ये खूबसूरत कहानी. एक पिता ने अपने पुत्र की बहुत अच्छी तरह से परवरिश की … उसे अच्छी तरह से पढ़ाया, लिखाया, वह पुत्र एक सफल इंसान बना पिता अब बूढा हो चला था एक दिन पिता को पुत्र से मिलने की इच्छा हुई और वो पुत्र से मिलने उसके ऑफिस में गया वहां उसने देखा कि उसका पुत्र एक शानदार ऑफिस का अधिकारी बना हुआ है, उसके ऑफिस में सैंकड़ो कर्मचारी उसके under कार्य कर रहे है… ! ये सब देख कर पिता का सीना गर्व से फूल गया ! वो चुपके से उसके चेंबर में पीछे से जाकर उसके कंधे पर हाथ रख कर खड़ा हो गया और प्यार से अपने पुत्र से पूछा… “इस दुनिया का सबसे शक्तिशाली इंसान कौन है”? पुत्र ने पिता को बड़े प्यार से हंसते हुए कहा “मेरे अलावा कौन हो सकता है पिता को इस जवाब की आशा नहीं थी, उसे विश्वास था कि उसका बेटा गर्व से कहेगा पिताजी इस दुनिया के सब से शक्तिशाली इंसान आप हैैं, जिन्होंने मुझे इतना योग्य बनाया ! उनकी आँखे छलछला आई ! वो चेंबर के गेट को खोल कर बाहर निकलने लगे ! उन्होंने एक बार पीछे मुड़ कर पुनः बेटे से पूछा एक बार फिर बताओ इस दु...

भारतीय संस्कृति की विशेषताये

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भारतीय संस्कृति  विश्व की सर्वाधिक प्राचीन एवं समृद्ध संस्कृति है। अन्य देशों की संस्कृतियाँ तो समय की धारा के साथ-साथ नष्ट होती रही हैं, किन्तु  भारत  की संस्कृति आदि काल से ही अपने परम्परागत अस्तित्व के साथ अजर-अमर बनी हुई है। इसकी उदारता तथा समन्यवादी गुणों ने अन्य संस्कृतियों को समाहित तो किया है, किन्तु अपने अस्तित्व के मूल को सुरक्षित रखा है। तभी तो पाश्चात्य विद्वान् अपने देश की संस्कृति को समझने हेतु भारतीय संस्कृति को पहले समझने का परामर्श देते हैं। संस्कृति की विशेषताएँ भारतीय संस्कृति की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं- प्राचीनता - भारतीय संस्कृति विश्व की प्राचीनतम संस्कृतियों में से एक है। मध्य प्रदेश के भीमबेटका में पाये गये शैलचित्र, नर्मदा घाटी में की गई खुदाई तथा कुछ अन्य नृवंशीय एवं पुरातत्त्वीय प्रमाणों से यह सिद्ध हो चुका है कि भारत भूमि आदि मानव की प्राचीनतम कर्मभूमि रही है। सिन्धु घाटी की सभ्यता के विवरणों से भी प्रमाणित होता है कि आज से लगभग पाँच हज़ार वर्ष पहले उत्तरी भारत के बहुत बड़े भा...

हिन्दू नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाये

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हिन्दू नव वर्ष की है शुरुवात कोयल गाये हर डाल-डाल, पात-पात चैत्र माह की शुक्ल प्रतिपदा का हैं अवसर खुशियों से बीते नव वर्ष का हर एक पल हिन्दू नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें।              ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ नए पत्ते आते है वृक्ष खुशी से झूम जाते हैं ऐसे मौसम में ही तो नया आगाज़ होता हैं हम यूँही हैप्पी न्यू ईयर नहीं मनाते हैं हिन्दू धर्म में यह त्यौहार प्राकृतिक बदलाव से आते हैं हिन्दू नव वर्ष की शुभकामनायें।                ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ चारो तरफ हो खुशियां ही खुशियां मीठी पूरनपोली और गुजियां ही गुजियां द्वारे सजती सुंदर रंगोली की सौगात आसमान में हर तरफ पतंगों की बरात सभी को शुभ को नव वर्ष हर बार शुभ हिन्दू नव वर्ष।           ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ शाखों पर सजता नये पत्तों का श्रृंगार मीठे पकवानों की होती चारो तरफ बहार मीठी बोली से करते, सब एक दूजे का दीदार चलो मनाये हिन्दू नव वर्ष इस बार हिन्दू नव वर्ष की शुभकामनायें।          ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ नौ ...